कोयले का अवैध उत्खनन करा रही है पुलिस और सीआईएसएफ, घर ध्वस्त होने के कगार पर पहुंची तो महिलाओं ने किया बवाल
धनबाद। धनबाद के कोलियरी क्षेत्रों में पुलिस और सीआईएसएफ पिछले लगभग 50 वर्षों से कोयले का अवैध उत्खनन करा रही है। लोगों का कहना है कि इसमें अधिकारियों और नेताओं की भी मिलीभगत होती है। रोजाना करोड़ों की सरकारी खनिज संपदा चोरी हो रही है, लेकिन ईमानदारी पूर्वक कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हद तो तब हो गई, जब कतरास थाना क्षेत्र के अंगारपथरा में अवैध खनन से कई घरों में दरार पड़ गई और वह ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गई। सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने पुलिस और सीआईएसएफ के पदाधिकारियों व जवानों का घेराव कर जमकर बवाल किया। तब जाकर पुलिस और सीआईएसएफ के पदाधिकारियों और जवानों ने कोयला जब्ती की कार्रवाई की खानापूर्ति की। महिलाएं पिछले दो साल से पुलिस और सीआईएसएफ के पदाधिकारियों से अवैध खनन को रोकने और मुहाने बंद कराने के लिए फरियाद कर रही थी, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। लोग कहते हैं कि सीआईएसएफ की कैंप अवैध माइंस से महज 300 मीटर की दूरी पर है. इस मामले को लेकर सवाल पूछने पर पुलिस और सीआईएसएफ के पदाधिकारी भागते रहे और कहा कि वरीय अधिकारी से पूछे। इलाके में छह अवैध मुहाने हैं। जहां से दिन रात चोरों का झुंड भीतर जाकर कोयला उत्खनन करते हैं और बाहर लाकर बोरियों में भरकर जमा करते हैं। फिर यहां से अवैध कोयला डिपो में कोयला जमा होता है। उसके बाद फर्जी कागजात तैयार कर कोयले को भट्ठों और मंडियों में भी भेजा जाता है। अंगारपथरा ओपी प्रभारी विशाल विधाता ने इस संबंध में कुछ बताने से इंकार किया और मीडियाकर्मियों को देखते ही भाग खड़े हुए।
